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रविवार, 11 अक्तूबर 2020

केतु ग्रह का फल

केतु ग्रह का फल

विभिन्न राशियों में स्थित केतु ग्रह का फल :- केतु के द्वादश राशियों में फल शास्त्रों में निम्नानुसार बताए गए हैं:


मेष राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु मेष राशि में स्थित हो,तो जातक अस्थिर स्वभाव का, अधिक बातें करने वाला एवं और सुखी होता है


वृषभ राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु वृषभ राशि में स्थित हो,तो जातक दु:खी, आलसी,अधिक बाते करने वाला और कामुक होता हैं


मिथुन राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु मिथुन राशि में स्थित हो,तो जातक वायु रोग से पीड़ित, अभिमानी,सरलता से सन्तुष्ट होने वाला, अल्पायु और छोटी-सी बात पर क्रोधित होने वाला होता हैं।


कर्क राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु कर्क राशि में स्थित हो,तो जातक दु:खी एवं भूत-प्रेत से डरने वाला होता हैं। 


सिंह राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु सिंह राशि में स्थित हो,तो जातक बातूनी,डरपोक,असंतोषी और सर्प के काटने का भय होता हैं


कन्या राशि :- जन्म कुंडली में केतु कन्या राशि में स्थित हो,तो जातक रोगी,मूर्ख एवं पाचन शक्ति खराब होती हैं। 


तुला राशि :- यह दिन जन्म कुंडली में केतु तुला राशि में स्थित हो,तो जातक कोढ़ से पीड़ित, कामुक,शीघ्र क्रोध वाला और दु:खी होता हैं


वृश्चिक राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु वृश्चिक राशि में स्थित हो,तो जातक क्रोधी,कोढ़ से पीड़ित, चतुर, बातूनी,धोखेबाज और गरीब होता हैं।


धनु राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु धनु राशि में स्थित हो,तो जातक असत्यवादी और धोखेबाज होता हैं।


मकर राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु मकर राशि में स्थित हो,तो जातक जन्म स्थान छोड़कर जाने वाला,परिश्रमी,साहसी और प्रसिद्ध होता हैं।


कुम्भ राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु कुंभ राशि में स्थित हो,तो जातक दु:खी, आवारा,अधिक खर्च करने वाला एवं सामान्य धनवान होता हैं।


मीन राशि :- यदि जन्म कुंडली में केतु मीन राशि में स्थित हो,तो जातक विदेश यात्रा करने वाला,आवेशपूर्ण,परिश्रमी,धार्मिक प्रवृत्ति वाला और अध्यात्म की ओर झुकाव वाला होता हैं।