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सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

Aaj Ka Panchang 22 February 2022: मंगलवार पंचांग से जानिए आज की तिथि, शुभ मुहूर्त; योग और राहुकाल

Aaj Ka Panchang 22 February 2022: मंगलवार पंचांग से जानिए आज की तिथि, शुभ मुहूर्त; योग और राहुकाल


दिनांक : 22 फरवरी 2022 

आज का पंचांग   


सूर्योदय का समय : प्रातः 06:53

सूर्यास्त का समय : सायं 06:16

 

चंद्रोदय का समय : रात्रि 11:55

चंद्रास्त का समय : प्रातः 10:18


तिथि संवत :-

दिनांक - 22 फरवरी 2022

मास - फाल्गुन

पक्ष - कृष्ण पक्ष

तिथि - षष्ठी मंगलवार सायं 06:34 तक रहेगी

अयन -  सूर्य उत्तरायण

ऋतु -  शिशिर ऋतु

विक्रम संवत - 2078

शाके संवत - 1943

सूर्यादय कालीन नक्षत्र :-

नक्षत्र - स्वाती नक्षत्र दोपहर 03:36 तक रहेगा इसके बाद विशाखा नक्षत्र रहेगा

योग -  वृध्दि योग प्रातः 10:52 तक रहेगा इसके बाद ध्रुव योग रहेगा

करण - गर करण प्रातः 07:17 तक रहेगा इसके बाद वणिज करण रहेगा

ग्रह विचार :-

सूर्यग्रह - कुम्भ

चंद्रग्रह - तुला 

मंगलग्रह - धनु

बुधग्रह - मकर

गुरूग्रह - कुम्भ

शुक्रग्रह - धनु

शनिग्रह - मकर

राहु - वृषभ

केतु - वृश्चिकराशि में स्थित है

* शुभ समय *

अभिजित मुहूर्त :-

दोपहर 12:12 से दोपहर 12:58 तक  रहेगा

त्रिपुष्कर योग :-

सायं 06:34 से प्रातः 06:52 (23 फरवरी) तक रहेगा

विजय मुहूर्त :-

दोपहर 02:29 से दोपहर 03:14 तक  रहेगा

गोधूलि मुहूर्त :-

सायं 06:05 से सायं 06:29 तक  रहेगा

निशिता मुहूर्त :-

रात्रि 12:09 से रात्रि 01:00 तक  रहेगा

ब्रह्म मुहूर्त :-

प्रातः 05:12 (23 फरवरी) से प्रातः 06:02 तक रहेगा


* अशुभ समय * 

राहुकाल :-

दोपहर 03:25 से सायं 04:51 तक  रहेगा

गुलिक काल :-

दोपहर 12:35 से दोपहर 02:00 तक  रहेगा

यमगण्ड :-

प्रातः 09:44 से प्रातः 11:09 तक  रहेगा

दूमुहूर्त :-

प्रातः 09:10 से प्रातः 09:55 तक  रहेगा

रात्रि 11:19 से रात्रि 12:09 तक  रहेगा

वर्ज्य :-

रात्रि 08:59 से रात्रि 10:31 तक  रहेगा

भद्रा :-

सायं 06:34 से प्रातः 05:47 (23 फरवरी) तक रहेगा

दिशाशूल :-

उत्तर दिशा की तरफ रहेगा यदि जरुरी हो तो दूध  पीकर यात्रा कर सकते है

चौघड़िया मुहूर्त :-

दिन का चौघड़िया 

प्रातः 06:53 से 08:19 तक रोग का

प्रातः 08:19 से 09:44 तक उद्वेग का

प्रातः 09:44 से 11:09 तक चर का

प्रातः 11:09  से 12:35 तक लाभ का

दोपहर 12:35 से 02:00 तक अमृत का

दोपहर 02:00 से 03:25 तक काल का

दोपहर बाद 03:25 से 04:51 तक शुभ का

सायं 04:51 से 06:16 तक रोग का चौघड़िया  रहेगा


रात का चौघड़िया

सायं 06:16 से 07:51 तक काल का

रात्रि 07:51 से 09:25 तक लाभ का

रात्रि 09:25 से 11:00 तक उद्वेग का

रात्रि 11:00 से 12:34 तक शुभ का

अधोरात्रि 12:34 से 02:09 तक अमृत का

रात्रि 02:09 से 03:43 तक चर का

प्रातः (कल) 03:43 से 05:18 तक रोग का

प्रातः (कल) 05:18 से 06:52 तक काल का चौघड़िया रहेगा

आज जन्मे बच्चों का नामाक्षर :-  

समय
  पाया  
  नक्षत्र  
  राशि  
जन्माक्षर

03:59 am
से
09:48 am

रजतस्वाती
3
चरण
तुलारो
 
09:49 am
से
03:36 pm

 
रजत स्वाती
4
चरण
 तुलाता

03:37 pm
से
09:24 pm


ताम्र विशाखा
1
चरण
तुलाती

09:25 pm
से
03:10 am
(23 फरवरी)
ताम्र विशाखा
2
चरण
तुलातू


आज विशेष :-

आज वृध्दि योग में दही दान करना शुभ फलदायी होता है आज मंगलवार को तांबे के पात्र में गुड़ भरकर प्रत्येक मंगलवार को दान करने से मंगल जनित दोष दूर होते है और वर्षपर्यत ऐसा करने से गोदान का फल मिलता है स्वाती नक्षत्र में वायु देवता की उत्तम प्रकार के गंध फल फूल धूप दूध दही नैवेघ व दीप आदि से पूजा कर व्रत करें तो समस्त परेशानियों से छुटकारा एवं इच्छित फल मिलता है और सुख समृध्दि बढ़ती है


* मंगलवार  व्रत की कथा *

पूजा विधि :-

सर्व सुखरक्त विकारराज्य सम्मान तथा पुत्र की प्राप्ति के लिये मंगलवार का व्रत उत्तम है । इस व्रत मे गेहूँ ओर गुड़ का भोजन करना चाहिए। भोजन दिन रात में एक बार ही ग्रहण करना ठीक है। व्रत 21 सप्ताह तक करे मंगलवार के व्रत से मनुष्य के समस्त दोष नष्ट हो जाते है व्रत के पूजन के समय लाल पुष्पो को चढ़ावे ओर लाल वस्त्र धारण करे। अन्त मे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए तथा मंगलवार की कथा सुननी चाहिए ।

कथा प्रारम्भ :-

एक ब्राह्मण दम्पति के कोई सन्तान नही थीजिसके कारण पति-पत्नि दु:खी थे। वह ब्राह्मण हनुमान जी की पुजा हेतु वन चला गया। वह पुजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की प्राप्ति के लिए कामना करने प्रकट किया करता था। घर पर उसकी पत्नि मंगलवार व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए किया करती थी। मंगलवार के दिन व्रत के अन्त भोजन ग्रहण करती थी। मंगलवार के दिन व्रत के अंत भोजन बनाकर हनुमान जी को भोग लगाने के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करती थी। 

एक बार कोई व्रत आ गया। जिसके कारण ब्राह्मणी भोजन न बना सकी तब हनुमान जी का भोग भी नहीं लगाया। वह अपने मन मे ऐसा प्रण करके सो गई कि अब अगले मंगलवार के दिन तो उसे मूर्छा आ गई तब हनुमान जी उसकी लगन और निष्ठा को देखकर प्रसन्न हो गए। उन्होने उसे दर्शन दिया और कहा- "मैं तुमसे अति प्रसन्न हुँ। मै तुझको एक सुन्दर बालक देता हुँ। जो तेरी सेवा किया करेगा।" हनुमान जी बाल रूप मे उसको दर्शन देकर अंतर्धान हो गए।

 सुन्दर बालक पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। ब्राह्मणी ने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय पश्चात् ब्राह्मण वन से लौटकर आया । प्रसन्नचित सुन्दर बालक को घर मे,कीड़ा करते देखकर पत्नी से बोला- यह बालक कौन है ?" पत्नी ने कहा- मंगलवार के व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने दर्शन देकर मुझे बालक दिया है।" पत्नी की बात छल से भरी जान उसने सोचा यह कुल्टा व्यभिचारिणी अपनी कुलषता छुपाने के लिए बात बना रही है। 

एक दिन उसका पति कुएँ पर पानी भरने चला तो पत्नी ने कहा मंगल को साथ ले जाओ। वह मंगल को साथ ले चला और उसको कुएँ मे डालकर वापिस पानी भरकर घर आया तब पत्नी ने पूछा मंगल कहाँ है तभी मंगल मुस्कराता हुआ घर आ गया। उसको देख ब्राह्मण आश्चर्य चकित हुआ रात्रि को हनुमान जी ने उसको स्वप्न मे कहा- यह बालक मैने दिया है तुम पत्नी को कुल्टा क्यो कहते हो।” पति यह जानकर हर्षित हुआ। फिर पति-पत्नि मंगलवार का व्रत रख अपना जीवन आनन्दपूर्वक व्यतीत करने लगे। 

जो मनुष्य मंगलवार के व्रत को नियम से करता है अथवा इस कथा को पढ़ता ओर सुनता है ।उसके हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है।