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सोमवार, 20 सितंबर 2021

Aaj Ka Panchang 21 September 2021: मंगलवार पंचांग से जानिए आज की तिथि, शुभ मुहूर्त; योग और राहुकाल

Aaj Ka Panchang 21 September 2021: मंगलवार पंचांग से जानिए आज की तिथि, शुभ मुहूर्त; योग और राहुकाल


दिनांक : 21 सितम्बर 2021 

आज का पंचांग   


सूर्योदय का समय : प्रातः 06:09

सूर्यास्त का समय : सायं 06:19

 

चंद्रोदय का समय : सायं 06:49

चंद्रास्त का समय : प्रातः 06:13


तिथि संवत :-

दिनांक - 21 सितम्बर 2021

मास - आश्विन

पक्ष - कृष्ण पक्ष

तिथि - प्रतिपदा मंगलवार कल प्रातः 05:51 तक रहेगी

अयन -  सूर्य दक्षिणायन

ऋतु -  शरद ऋतु

विक्रम संवत - 2078

शाके संवत - 1943
 

सूर्यादय कालीन नक्षत्र :-

नक्षत्र - उत्तराभाद्रपद नक्षत्र कल प्रातः 05:07 तक रहेगा इसके बाद रेवती नक्षत्र रहेगा

योग - गण्ड योग दोपहर 02:27 तक रहेगा इसके बाद वृध्दि योग रहेगा

करण - बालव करण सायं 05:33 तक रहेगा इसके बाद कौलव करण रहेगा

ग्रह विचार :-

सूर्यग्रह - कन्या

चंद्रग्रह - मीन 

मंगलग्रह - कन्या

बुधग्रह - कन्या

गुरूग्रह - मकर

शुक्रग्रह - तुला

शनिग्रह - मकर

राहु - वृषभ

केतु - वृश्चिकराशि में स्थित है

* शुभ समय *

अभिजित मुहूर्त :-

प्रातः 11:50 से दोपहर 12:38 तक  रहेगा

सर्वार्थ सिद्धि योग :-

प्रातः 06:09 से प्रातः 05:07 (22 सितम्बर) तक  रहेगा

विजय मुहूर्त :-

दोपहर 02:16 से दोपहर 03:04 तक  रहेगा

गोधूलि मुहूर्त :-

सायं 06:07 से सायं 06:31 तक  रहेगा

निशिता मुहूर्त :-

रात्रि 11:50 से रात्रि 12:38 तक  रहेगा

ब्रह्म मुहूर्त :-

प्रातः 04:35 (22 सितम्बर) से प्रातः 05:22 तक  रहेगा


* अशुभ समय * 

राहुकाल :-

दोपहर 03:16 से सायं 04:48 तक  रहेगा

गुलिक काल :-

दोपहर 12:14 से दोपहर 01:45 तक  रहेगा

यमगण्ड :-

प्रातः 09:11 से प्रातः 10:43 तक  रहेगा

दूमुहूर्त :-

प्रातः 08:35 से प्रातः 09:24 तक  रहेगा

रात्रि 11:03 से रात्रि 11:50 तक  रहेगा

वर्ज्य :-

दोपहर 02:04 से दोपहर 03:44 तक  रहेगा

गण्ड मूल :-

प्रातः 05:07 (22 अगस्त) से प्रातः 06:09 तक  रहेगा

पञ्चक :-

संपूर्ण दिन तक रहेगा

दिशाशूल :-

उत्तर दिशा की तरफ रहेगा यदि जरुरी हो तो दूध  पीकर यात्रा कर सकते है

चौघड़िया मुहूर्त :-

दिन का चौघड़िया 

प्रातः 06:09 से 07:40 तक रोग का

प्रातः 07:40 से 09:11 तक उद्वेग का

प्रातः 09:11 से 10:43 तक चर का

प्रातः 10:43 से 12:14 तक लाभ का

दोपहर 12:14 से 01:45 तक अमृत का

दोपहर 01:45 से 03:16 तक काल का

दोपहर बाद 03:16 से 04:48 तक शुभ का

सायं 04:48 से 06:19 तक रोग का चौघड़िया  रहेगा


रात का चौघड़िया

सायं 06:19 से 07:48 तक काल का

रात्रि 07:48 से 09:17 तक लाभ का

रात्रि 09:17 से 10:45 तक उद्वेग का

रात्रि 10:45 से 12:14 तक शुभ का

अधोरात्रि 12:14 से 01:43 तक अमृत का

रात्रि 01:43 से 03:12 तक चर का

प्रातः (कल) 03:12 से 04:41 तक रोग का

प्रातः (कल) 04:41 से 06:09 तक काल का चौघड़िया रहेगा

आज जन्मे बच्चों का नामाक्षर :-  

समय
  पाया  
  नक्षत्र  
  राशि  
जन्माक्षर

04:03 am
से
10:15 am

लोहाउत्तराभाद्रपद
1
चरण
मीनदू
 
10:16 am
से
04:30 pm

 
लोहा उत्तराभाद्रपद
2
चरण
 मीन

04:31 pm
से
10:47 pm


लोहा उत्तराभाद्रपद
3
चरण
मीन

10:48 pm
से
05:07 am
(22 सितम्बर)
लोहा उत्तराभाद्रपद
4
चरण
मीन


आज विशेष :-

आज गंड योग में नमक दान करना शुभ फलदायी होता है आज मंगलवार को तांबे के पात्र में गुड़ भरकर प्रत्येक मंगलवार को दान करने से मंगल जनित दोष दूर होते है और वर्षपर्यत ऐसा करने से गोदान का फल मिलता है


* मंगलवार  व्रत की कथा *

पूजा विधि :-

सर्व सुखरक्त विकारराज्य सम्मान तथा पुत्र की प्राप्ति के लिये मंगलवार का व्रत उत्तम है । इस व्रत मे गेहूँ ओर गुड़ का भोजन करना चाहिए। भोजन दिन रात में एक बार ही ग्रहण करना ठीक है। व्रत 21 सप्ताह तक करे मंगलवार के व्रत से मनुष्य के समस्त दोष नष्ट हो जाते है व्रत के पूजन के समय लाल पुष्पो को चढ़ावे ओर लाल वस्त्र धारण करे। अन्त मे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए तथा मंगलवार की कथा सुननी चाहिए ।

कथा प्रारम्भ :-

एक ब्राह्मण दम्पति के कोई सन्तान नही थीजिसके कारण पति-पत्नि दु:खी थे। वह ब्राह्मण हनुमान जी की पुजा हेतु वन चला गया। वह पुजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की प्राप्ति के लिए कामना करने प्रकट किया करता था। घर पर उसकी पत्नि मंगलवार व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए किया करती थी। मंगलवार के दिन व्रत के अन्त भोजन ग्रहण करती थी। मंगलवार के दिन व्रत के अंत भोजन बनाकर हनुमान जी को भोग लगाने के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करती थी। 

एक बार कोई व्रत आ गया। जिसके कारण ब्राह्मणी भोजन न बना सकी तब हनुमान जी का भोग भी नहीं लगाया। वह अपने मन मे ऐसा प्रण करके सो गई कि अब अगले मंगलवार के दिन तो उसे मूर्छा आ गई तब हनुमान जी उसकी लगन और निष्ठा को देखकर प्रसन्न हो गए। उन्होने उसे दर्शन दिया और कहा- "मैं तुमसे अति प्रसन्न हुँ। मै तुझको एक सुन्दर बालक देता हुँ। जो तेरी सेवा किया करेगा।" हनुमान जी बाल रूप मे उसको दर्शन देकर अंतर्धान हो गए।

 सुन्दर बालक पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। ब्राह्मणी ने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय पश्चात् ब्राह्मण वन से लौटकर आया । प्रसन्नचित सुन्दर बालक को घर मे,कीड़ा करते देखकर पत्नी से बोला- यह बालक कौन है ?" पत्नी ने कहा- मंगलवार के व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने दर्शन देकर मुझे बालक दिया है।" पत्नी की बात छल से भरी जान उसने सोचा यह कुल्टा व्यभिचारिणी अपनी कुलषता छुपाने के लिए बात बना रही है। 

एक दिन उसका पति कुएँ पर पानी भरने चला तो पत्नी ने कहा मंगल को साथ ले जाओ। वह मंगल को साथ ले चला और उसको कुएँ मे डालकर वापिस पानी भरकर घर आया तब पत्नी ने पूछा मंगल कहाँ है तभी मंगल मुस्कराता हुआ घर आ गया। उसको देख ब्राह्मण आश्चर्य चकित हुआ रात्रि को हनुमान जी ने उसको स्वप्न मे कहा- यह बालक मैने दिया है तुम पत्नी को कुल्टा क्यो कहते हो।” पति यह जानकर हर्षित हुआ। फिर पति-पत्नि मंगलवार का व्रत रख अपना जीवन आनन्दपूर्वक व्यतीत करने लगे। 

जो मनुष्य मंगलवार के व्रत को नियम से करता है अथवा इस कथा को पढ़ता ओर सुनता है ।उसके हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है।