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सोमवार, 26 अक्टूबर 2020

लड़कियों का जल्दी विवाह प्राप्ति के उपाय

लड़कियों का जल्दी विवाह प्राप्ति के उपाय


लड़कियों का जल्दी विवाह एवं सुयोग्य पति की प्राप्ति के उपाय :-


लड़कियों के लिए कामयाब पति ढूढ़ने में लोगों को बहुत ही मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।


जल्दी विवाह का समय :- जिन लड़कियों की जन्मकुंडली में सप्तम भाव शुभ ग्रह से दृष्ट होने पर एवं शुभ ग्रह सप्तम भाव में बैठा हो, जिसमें से शुक्र ग्रह( जो शादी का कारक ग्रह हैं) की कुण्डली में अच्छी स्थिति में अथवा 18 से 20 वर्ष की उम्र के आसपास शुक्र की महादशा-अंतर्दशा चल रही होती है,उनके विवाह में कोई भी मुसीबत नहीं आती हैं और समय पर ही पति की प्राप्ति हो जाती हैं।


लड़कियों का समय पर विवाह व पति का नहीं मिलने के कारणों के लिए हमे आज से कुछ वर्षो पूर्व की सामाजिक व्यवस्थाओं-मान्यताओं को देखना पड़ेगा। उस समय संयुक्त परिवार प्रथा व जजमानी प्रथा हुवा करती थी।(इसमें राव-भाट घर का पण्डित आते थे)। ये लोग जजमान के लड़के के लिए लड़की व लड़की के लिए लड़का की खोज का काम करते थे।


आधुनिक समय में व्यक्तियों की एकल चलो प्रवर्ति होने से जजमानी प्रथा समाप्त हो गए है।


देरी से विवाह का कारण एवं समय :- जिन लड़कियों का सप्तम भाव और सप्तमेश दोंनो ही दूषित होते है या लग्न कुण्डली व चन्द्रकुण्डली के लग्न या पहला भाव,चतुर्थ, सप्तम,अष्टम तथा द्वादश भावों में से कोई भी भाव में कोई भी पाप ग्रह (सूर्य,मंगल,शनि,राहु,केतु) बैठा होने पर पति प्राप्ति में देरी होती है, क्योंकि ऐसी जन्मकुण्डली को मांगलिक कुण्डली कहते है। मांगलिक लड़कियों का विवाह देरी से ही होता है। ऐसी लड़कियों का विवाह की उम्र 25 वर्ष,27,29,31 एवं 33 के आसपास ही होता है।


लड़कियों को सुयोग्य पति एवं विवाह समय पर होने के लिए उपाय :- जिनको करने से सुयोग्य पति की प्राप्ति में सफलता मिल जाती है:


★मां भगवती(पार्वती) का हमेशा पूजा करने से या प्रत्येक प्रदोष को पूरा श्रृंगार के साथ विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए। पूजा के समय निम्न मन्त्र की पांच माला का जाप करने से लड़कियों को सुयोग्य पति की जल्दी प्राप्ति होती हैं।


★कात्यायनी देवी या पार्वती देवी की फोटो को सामने रखकर उनकी विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए और निम्न मंत्रो की एक माला का हमेशा जाप करने से लड़कियों को जल्दी एवं सुंदर पति की प्राप्ति होती है।


"कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।

नन्दगोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नमः।।'


★तुलसी के पौधे का हमेशा विधिपूर्वक पूजन करके उसके सामने बैठना चाहिए। उसके बाद नीचे लिखे मन्त्र की एक माला का जाप करना चाहिए। फिर तुलसी की 12 बार परिक्रमा करनी चाहिए। प्रत्येक परिक्रमा में दूध और पानी से सूर्य भगवान को अर्ध्य देते हुए नीचे लिखे मन्त्र का जाप करने से उत्तम पति की प्राप्ति जल्दी होती हैं।


"ऊँ देवेन्द्राणी नमस्तुभ्यं देवेन्द्र प्रियभामिनी।

विवाहं भाग्य मारोग्यं शीघ्र लाभं च देहिमे।।"


विवाह कारक शुक्र को बल देने :- के लिए निम्नलिखित विधि करना चाहिए:


1.लड़की के हाथ से दो शीशियां बराबर आकार की लेकर एक शीशी में गंगाजल और दूसरी शीशी में कच्चा दूध लेकर उन दोनों शीशियों को भर देना चाहिए।


2.दूध से भरी शीशी को किसी एकांत सुनसान जगह पर गाड़ देना चाहिए।उस जगह पर किसी मानव का पैर नहीं पड़े ऐसी जगह होनी चाहिए। दूसरी गंगाजल से भरी शीशी को हरे-भरे या खेत-बगीचा में गाड़ देना चाहिए 


3.दोनों शीशियों को एक ही दिन में सूर्य उदय से सूर्य अस्त के बीच में गाड़ने का काम करना चाहिए।


ऊपर वाली विधि एवं मंत्रों में जितना विश्वास एवं आस्था होगी, उतनी ही जल्दी काम सफल होगा इस विधि को गुप्त रूप से करना चाहिए और किसी को नहीं बताकर व बिना किसी टाल-मटोल से करना चाहिए।