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रविवार, 4 अक्टूबर 2020

राहु करता है मादक प्रदार्थों का सेवन

राहु करता है मादक प्रदार्थों का सेवन


राहु करता है मादक प्रदार्थों का सेवन :- ज्योतिष शास्त्र के मतानुसार इंसान की जन्मकुंडली से यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान मादक पदार्थों का सेवन करता है या नहीं। इस जानकारी से उसे ठीक करने में मदद मिलती है। जब अच्छी दशा आने पर खुद अपना इलाज करवाता है और जीवन में कामयाब होता है।


मादक पदार्थों के सेवन के कारण :- खाने-पीने वाली वस्तुओं का सम्बंध सोम से होता है तथा राहु के नक्षत्र-आद्रा, स्वाति व शतभिषा में दोनों की उपस्थिति, दूसरे घर के स्वामी की नीच राशि में मौजुदगी और खुद राहु का साथ बैठने पर इंसान के द्वारा मादक पदार्थों के पीने के स्पष्ट लक्षण के संकेत मिलते है।


अपनी नीच राशि वृश्चिक में सोम होने पर इंसान को मादक पदार्थों को पीने के लिए प्रेरित करता है और क्रूर ग्रह मन्द, राहु, पीड़ित सौम्य व कमजोर सोम इसमें इजाफा करते है। यदि वृश्चिक राशि पर जीव के द्वारा देखा जाता है तो मादक पदार्थों के सेवन को कम कराता है और इंसान बदनाम होने से बच जाता है।


यदि इंसान की जन्मकुंडली में एक या दो ग्रह नीच राशि में होते है और सोम पीड़ित होकर दुश्मन ग्रह से दूषित होने पर इंसान में मादक पदार्थों के पीने की तीव्र इच्छा होती है।


दूसरे घर जिसे भोजन,कुटुंब व वाणी का घर भी कहा जाता है और दूसरे घर के स्वामी की स्थिति से भी इंसान के द्वारा मादक पदार्थों के सेवन के बारे में जानकारी का ब्यौरा मिल जाता है।


आज का युग कलयुग में राहु,मन्द,भौम व कमजोर सोम ग्रहों की मानसिक चिंताओं को दिखाने में आगे रहते है।


यदि भृगु की अपनी नीच राशि कन्या में होने पर भी इंसान को मादक पदार्थों के सेवन की ओर आकर्षित करता है।


नीच ग्रह इंसान को नशे की तरफ आकर्षित कराकर इंसान को अपने साथ ही साथ परिवार को भी अपमानित करवाता है।


मकर लग्न में नीच जीव इंसान को अफीम का शौकीन बनाता है।


बारहवें घर के स्वामी का नीच या दुश्मन राशि में स्थित होता है तो इंसान को बहुत ही अधिक नशे की ओर आकर्षित करके नशेड़ी बना देता है।


कमजोर लग्न भी मित्र ग्रहों से सयोंग नहीं मिलने पर इंसान को नशे की तरफ ले जाते हैं।


लग्न पर पापग्रहों के द्वारा देखा जाय तो इंसान मादक पदार्थों का सेवन करने वाला होता है।


बुध का शरीर के अंगों पर अधिकार :- पेट,जीभ,फेफड़ों व स्नायु पर बुध ग्रह का अधिकार होता है। बुध को ही मिश्रित रस भी पसन्द होता है।


भृगु का शरीर के अंगों पर अधिकार :- भृगु का वीर्य,कफ,जल,नेत्र व कमांगो पर अधिकार होता है।


बुध व भृगु के दूसरे घर से सम्बंधित होने पर, पीड़ित होने पर व इनको जब देखा जा तो इंसान के बारे में पता लगाया जा सकता है कि वह मादक पदार्थों का सेवन करता है या नहीं।


भौम, मन्द,राहु व कमजोर सोम की दृष्टि उत्तेजना को बढ़ाकर इंसान को नशे की ओर आकर्षित कर उसे नशेड़ी बनने पर मजबूर कर देता है।


दूसरे घर का स्वामी अशुभ ग्रहों से युक्त या अशुभ ग्रहों के द्वारा देखा जाए तो और दूसरे घर का स्वामी क्रूर नवांश-भौम, मन्द आदि में होने पर तथा वहां भी अशुभ ग्रहों से देखा जाय तो जो योग बनता है, उस योग को 'विषप्रयोग योग' कहते है।


नवांश कुंडली मे पांचवे घर के स्वामी पर नीच या पीड़ित मन्द,राहु के द्वारा देखा जाय तो इंसान को मादक पदार्थों के सेवन की ओर आकर्षित करवाता है।


रवि की नीच राशि तुला के विषय मे स्पष्ट संकेत बताया गये है कि इंसान शराब बनाने ,बेचने व पीने वाला होता है।


कर्क राशि में भौम नीच का होने पर इंसान का मन चंचल स्वभाव वाला और जुआ खेलने में विशेष रुचि वाला बना देता है


बुध की नीच राशि मीन होती है, जिससे इंसान को चिंता में खोया रहने वाला बनाकर उस्की यादाश्त शक्ति को खराब करवा देता है।


कन्या राशि में भृगु पीड़ित होकर इंसान को मद्यपान की ओर आकर्षित करता है।


मन्द मेष राशि में नीच का होता है। जिससे इंसान को जाल-फरेब कराने के साथ ही साथ नशा भी करता है।


राहु  वृश्चिक राशि में नीच का होने से इंसान को शराब के अतिरिक्त कोकीन,अफीम,हेरोइन आदि का स्वाद भी चखा कर नशेड़ी बना देता है।


आयुर्वेद में छह रसों :- मधुरम,अमल,लवण,कषाय, कटुक व तिक्त का वर्णन मिलता है। ज्योतिष में भृगु, भौम, जीव,रवि व सोम को इन छह रसों का स्वामित्व  दिया गया है।


राहु, भृगु, सोम व पीड़ित सौम्य की दशा, अन्तर्दशा, प्रत्यंतर दशा आदि तथा क्रूर ग्रहों भौम व मन्द के द्वारा देखे जाने पर इंसान को नशे की तरफ ध्यान को धकेलता है व मजबूत जीव के द्वारा देखे जाने पर मादक पदार्थों के सेवन में कमी करवाता है। शर्त के अनुसार जीव लग्न विशेष में मारक की भूमिका निभाने वाला नहीं होना चाहिए।


यूनानी इंसानो में एमीथिष्ट(कटेला) से बने प्यालों में ही शराब पीने का प्रचलन था। इसमें शराब पीने पर नशा नहीं चढ़ता था  इसलिए किसी नशा करने वाले इंसान को कटेला पहनाकर नशा या शराब छुड़वाया जा सकता है। संभव है कि वह पूरी तरह नशा छोड़ दें।